Sawan Somvar Vrat Puja Rituals, Auspicious Muhurat, Timings, and Mantras And related FAQs

Sawan Somvar Puja Rituals, Auspicious Muhurat, Timings, and Mantras

सावन सोमवार पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, टाइमिंग्स और मंत्र

सावन मास का आगमन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस मास में हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, जिसे सावन सोमवार कहा जाता है। यह पूजा विशेष धार्मिक और सामाजिक महत्व की होती है और सावन मास के शुभ मुहूर्त में श्रद्धालुओं द्वारा अद्यात्मिकता और संयम का पालन किया जाता है। इस लेख में हम सावन सोमवार की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, टाइमिंग्स और मंत्रों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

पूजा विधि:

1. सावन सोमवार की पूजा का प्रारंभ शिवलिंग की सजावट के साथ करें।
2. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और पुष्प चढ़ाएं।
3. ध्यान करते हुए मन्त्रों का जाप करें, जैसे – “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”
4. शिवलिंग पर दूध, दूर्वा, बिल्व पत्र, अक्षत, घी, दिया आदि की अर्चना करें।
5. पूजा के बाद भगवान शिव को प्रसाद के रूप में फल, पानी और अन्य वस्त्रादि चढ़ाएं।
6. सावन सोमवार की व्रत कथा सुनें और शिव जी की गाथा गाएं।

शुभ मुहूर्त:

– सुबह काल में शुभ मुहूर्त: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक।
– दिन के दूसरे पहर में शुभ मुहूर्त: दोपहर 1:00 बजे से 2:30 बजे तक।
– शाम काल में शुभ मुहूर्त: शाम 4:00 बजे से 5:30 बजे तक।

मंत्र:

– “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivaya)
– “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥” (Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam। Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat॥)

यहां दिए गए विधि, मुहूर्त और मंत्रों के अनुसार सावन सोमवार की पूजा करने से हमें आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसे अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाएं और भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करें। सावन सोमवार पूजा से सुख, समृद्धि और शांति का आनंद लें।

 

लोग सावन सोमवार का व्रत क्यों रखते हैं?

आज सावन की शुरुआत है और हिंदू धर्म में सावन सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। इसके अतिरिक्त, जिन व्यक्तियों के पास विवाह के लिए अनुकूल ग्रह स्थिति नहीं है या उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें सावन सोमवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, माना जाता है कि सावन के सोमवार का व्रत करने से लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य मिलता है।

 

2023 के लिए सावन सोमवार की तारीखें

आज 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। अधिकमास लगने के कारण इस वर्ष कुल आठ सावन सोमवार मनाये जायेंगे। आइये एक नजर डालते हैं प्रत्येक सावन सोमवार की तिथियों पर:

1. सावन का पहला सोमवार – 10 जुलाई
2. सावन का दूसरा सोमवार – 17 जुलाई
3. सावन का तीसरा सोमवार – 24 जुलाई
4. सावन का चौथा सोमवार – 31 जुलाई
5. सावन का पांचवां सोमवार- 7 अगस्त
6. सावन का छठा सोमवार – 14 अगस्त
7. सावन का सातवां सोमवार- 21 अगस्त
8. सावन का आठवां सोमवार- 28 अगस्त

 

अधिकमास के कारण सावन की अवधि बढ़ी

इस साल सावन का महीना 58 दिनों का रहेगा. यह 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा. सावन की लंबी अवधि सावन माह के भीतर एक अतिरिक्त माह के आने का परिणाम है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।

सावन माह के महत्वपूर्ण व्रत एवं त्यौहार

सावन का महीना कई महत्वपूर्ण व्रतों और त्योहारों को भी अपने अंदर समेटे हुए है। उनमें से कुछ में 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17 जुलाई को श्रावण मास की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त को नाग पंचमी और 30 अगस्त को रक्षा बंधन शामिल हैं।

भगवान शिव को अर्पित करने से बचें ये चीजें

शिवपुराण के अनुसार कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जिन्हें भगवान शिव को कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। इसमे शामिल है:
– केतकी का फूल
– तुलसीदल
– हल्दी
– शंख से जल
– कुमकुम
– टूटा चावल

सावन सोमवार पर शिव मंत्रों का जाप का महत्व

सावन सोमवार के दिन शिव मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कुछ शक्तिशाली शिव मंत्र जिनका जाप किया जा सकता है उनमें शामिल हैं:
– ओम नमः शिवाय
– ॐ शंकराय नमः
– ॐ महेश्वराय नमः
– ॐ रुद्राय नमः

भगवान शिव को भस्म चढ़ाने की परंपरा

सभी देवताओं में भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। कहा जाता है कि सच्चे मन से सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान शिव की पूजा में भस्म का विशेष महत्व है। शिवपुराण के अनुसार भस्म चढ़ाए बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। इस परंपरा के पीछे एक पौराणिक कहानी है। एक बार, राजा दक्ष द्वारा आयोजित एक यज्ञ के दौरान, उन्होंने देवी सती के सामने भगवान शिव का अपमान किया। अपमान सुनकर देवी सती ने खुद को हवन कुंड में भस्म कर लिया। इस घटना से क्रोधित होकर भगवान शिव ने सती की चिता की राख से अपना शरीर ढक लिया। तभी से भगवान शिव को भस्म चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

 

सावन सोमवार पूजा के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

प्रश्न 1: सावन सोमवार कब होता है?
उत्तर 1: सावन सोमवार हिन्दू चंद्र वर्ष के सावन मास में हर सोमवार को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच में आता है।

प्रश्न 2: सावन सोमवार का महत्व क्या है?
उत्तर 2: सावन सोमवार हिन्दू संस्कृति में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। भक्तों का मानना है कि इन सोमवारों को भगवान शिव की पूजा करने से आशीर्वाद, इच्छाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक विकास होता है।

प्रश्न 3: सावन सोमवार पूजा कितने समय तक चलती है?
उत्तर 3: सावन सोमवार पूजा की अवधि व्यक्ति के अनुसार बदलती है। कुछ भक्त एक दिन के व्रत का पालन करते हैं, जबकि कुछ अन्य व्यक्ति सुबह या शाम को कुछ विशेष रियाज़ अदा करते हैं।

प्रश्न 4: क्या कोई भी सावन सोमवार पूजा कर सकता है?
उत्तर 4: हां, जो भी व्यक्ति भगवान शिव में विश्वास रखता है, वह सावन सोमवार पूजा कर सकता है। इसे किसी विशेष लिंग, आयु, या जाति से सीमित नहीं किया जाता है।

प्रश्न 5: सावन सोमवार पूजा के मुख्य रिवाज क्या हैं?
उत्तर 5: सावन सोमवार पूजा के मुख्य रिवाज में शिवलिंग को पानी से स्नान कराना, फूल चढ़ाना, पवित्र भस्म (विभूति) लगाना, धूपबत्ती और दीप जलाना, और भगवान शिव के लिए विशेष प्रार्थना और मंत्रों का जाप करना शामिल होते हैं।

प्रश्न 6: सावन सोमवार पूजा के दौरान क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर 6: सावन सोमवार पूजा के दौरान एक शुद्ध और पवित्र मनोवृत्ति बनाए रखने की सलाह दी जाती है। भक्तों को मांसाहारी आहार, शराब, और तम्बाकू के सेवन से बचना सुझाया जाता है। बहुत से लोग इस समय उपवास भी रखते हैं।

प्रश्न 7: क्या सावन सोमवार पूजा घर पर की जा सकती है?
उत्तर 7: हां, सावन सोमवार पूजा घर पर की जा सकती है। भक्त एक छोटा मंदिर बना सकते हैं जिसमें शिवलिंग स्थापित करके और श्रद्धा और ईमानदारी के साथ रिवाजों का पालन कर सकते हैं।

प्रश्न 8: क्या सावन सोमवार पूजा के लिए मंदिर जाना आवश्यक है?
उत्तर 8: सावन सोमवार पूजा के लिए मंदिर जाना आम बात है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। भक्त अपनी सुविधा और व्यक्तिगत प्राथमिकता के आधार पर घर पर पूजा कर सकते हैं या पास में किसी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।

प्रश्न 9: सावन सोमवार पूजा के लिए कोई विशेष मंत्र होते हैं?
उत्तर 9: हाँ, भगवान शिव को समर्पित कई मंत्र हैं जिन्हें सावन सोमवार पूजा के दौरान जाप किया जा सकता है, जैसे “ॐ नमः शिवाय” मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र।

प्रश्न 10: सावन सोमवार पूजा का पालन करने के क्या फायदे होते हैं?
उत्तर 10: सावन सोमवार पूजा को ईमानदारी और भक्ति के साथ पालन करने से आशीर्वाद, आध्यात्मिक विकास, और इच्छाओं की पूर्ति होती है। यह भगवान शिव की दिव्य कृपा और संरक्षण की खोज में एक अवसर के रूप में भी देखा जाता है।

ध्यान दें, सफल सावन सोमवार पूजा की कुंजी सच्ची भक्ति, रिवाजों का पालन और एक पवित्र हृदय से भरी शिव के प्रति प्रेम में निहित है। यह पवित्र अवसर सभी भक्तों को शांति, खुशी और समृद्धि प्रदान करे।

Arnav

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